!!कंप्यूटर के भाग !!

 

                      कंप्यूटर के भाग 

                     

एक ऑटोमोबाइल जैसे कार या एक वैन  अलग-अलग मॉडलों ,और रंगो में उपलब्ध  होती है इनके अनिवार्ये हिस्से एक समान बने होते है सभी को ऑटोमोबाइल वाहनों में एक  इंजन ,एक बॉडी और पहिए होते है। 

इसी प्रकार कंप्यूटर विभिन साईजो और आकारों  उपलब्ध  होते हैं किंतु इनमे कुछ हिस्से सामान्य होते हैं जो एक ही प्रकार से कार्य करते हैं एक कंप्यूटर के एक अनिवार्ये भाग हैं हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर।

                         हार्डवेयर क्या होता है ?

         
हार्डवेयर का अर्थ है कंप्यूटर के सभी भौतिक भाग। इसमें सभी इनपुट ,प्रसंसाधन युक्तियाँ ,भंडारण युक्तियाँ ,आउटपुट युक्तियाँ शामिल है। 
कीबोर्ड ,माउस ,मॉनिटर ,हार्ड डिस्क ,मदर बोर्ड ,केबल और प्रिंटर ,ये सभी हार्डवेयर के उदाहण है। 

आप कंप्यूटर  में इनपुट डालने और मन चाहा आउटपुट पाने के लिए हार्डवेयर का इस्तेमाल करते है उदाहरण  के लिए जब आप एक पियानो बजाते है तो आप इसकी कुंजियों  दबाते है तो इससे संगीत के के रूप में  मनचाहा आउटपुट निकलता है इसी प्रकार कंप्यूटर को भी कार्य करने के लिए इनपुट और आउटपुट डिवाइस की जरूरत होती है इनपुट और आउटपुट डिवाइस के अलावा कंप्यूटर में डेटा इनपुट पर कार्य करने तथा मनचाहा आउटपुट पाने के लिए प्रसंसाधन युक्तियों का इस्तेमाल किया  जाता है सबसे अधिक महत्वपूर्ण संसाधन युक्ती सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट [CPU] है सीपीयु कंप्यूटर का मस्तिष्क है यह गणनाएं करने और आउटपुट तैयार करने के लिए इनपुट को प्रोसेस करता है। 

      
                         सॉफ्टवेयर क्या होता है ?

सॉफ्टवेयर किसी भी  विशेष कार्य को करने के लिए बनाया गया  प्रोग्राम है तथा निर्देशों का  समूह  होता है जो हार्डवेयर  और यूजर्स के बीच संपर्क बनाता है। सॉफ्टवेयर किसी भी कंप्यूटर का वह मुख्य भाग होता हैं जिससे कंप्यूटर में हर काम संभव होता है । क्योंकि सारे काम कंप्यूटर अकेला नहीं कर सकता ।  जो भी हम कंप्यूटर  पर काम या प्रोग्राम देखते है या फिर किसी वेबसाइट पर काम करते है वो सॉफ्टवेयर होता है । सॉफ्टवेयर , कंप्यूटर को यूजर द्वारा दी गई निर्देशों ( इंस्ट्रक्शन) के जरिए , जांच - परखकर यूजर को आउटपुट देता है ।सॉफ्टवेयर के जरिए ही हम इंटरनेट से कोई भी  जानकारी खोज सकते हैं अगर सॉफ्टवेयर ही नहीं होगा तो हम जानकारी कैसे प्राप्त करेंगे । किसी भी विषय से संबंधित जानकारी किसी वेबसाइट पर लिंक के माध्यम से  उपलब्ध कराई जाती है । ये सॉफ्टवेयर से ही संभव है । हार्डवेयर के भाग , कीबोर्ड , मॉनिटर ,माउस और प्रिंटर जो इसे निर्देश देने का काम करते है इन्हें अनवीरिएबल पार्ट कहते है ।  
सॉफ्टवेयर  हार्डवेयर को बताता है कि क्या करना है कैसे करना है और क्या नहीं करना है जैसे - इसमें  Games,  Ms Word  ,Web Browser Etc.शामिल होते है । सॉफ्टवेयर हार्डवेयर के हर कार्य करने  की जांच रखता है ।  
एप्लीकेशन प्रोग्राम - इंटरनेट  ब्राउज़र , Ms office ,excel ,word और पावर प्वाइंट  etc.।  ये सभी सॉफ्टवेयर है इन्हे वेरिएबल पार्ट कहते हैं 
 
 सॉफ्टवेयर को किस उद्देश्य के  लिए डिजाइन किया गया है ! सॉफ्टवेयर काम क्या करता है ? Example - कंप्यूटर में संख्याओं की गणना करने के लिए कैलकुलेटर का उपयोग किया  जाता है और स्टोर में सभी फाइलों को मैनेज करने के लिए  ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग होता है यह भी एक सॉफ्टवेयर होता है । इसके अलावा android ,IOS , windows सभी एक प्रकार के  software होते हैं जो कंप्यूटर को संचालित करने में मदद करते है  । हम जो भी काम मोबाइल ,लेपटॉप , कंप्यूटर में करते हैं वो सॉफ्टवेयर के द्वारा सभंव है । 
 मनोरंजन , सवास्थ्य और दुनिया की किसी भी बड़े उद्योगों का काम सॉफ्टवेयर की मदद से ही संभव है। इसीलिए सॉफ्टवेयर को यूजर्स की मदद के लिए तैयार किया गया है ताकि हर संभव कार्य जल्दी और आसानी से हो सके ।

सॉफ्टवेयर के  दो प्रकार है - 1.  System software  
                                               2. Application software ।


 1.) System software क्या होता है? 
System software एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो हार्डवेयर   डिवाइस को नियंत्रण में रखनेे और चलाने में मदद करता है। मुख्य रूप से सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर मेमोरी , सीपीयू , और कंप्यूटर का ध्यान रखता है । सिस्टम सॉफ्टवेयर जो किसी भी डिवाइस को उसके काम करने के तरीके की अनुमति देता है । अंतः सिस्टम सॉफ्टवेयर के बिना कंप्यूटर काम नहीं कर सकता । सिस्टम सॉफ्टवेयर  के उदाहरण  निम्नलिखित है - विंडोज, मैक , लिनक्स,ऑपरेटिंग सिस्टम, BISO.

System software के भाग -  

   (a)   डिवाइस ड्राइवर (device driver) 
   (b)   फर्मवेयर  (firmware) 
   (c)   यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (utility software ) 
   (d)  लैंग्वेज ट्रांसलेटर (language translator) 
   (f)   ऑपरेटिंग सिस्टम (operating system)    

  (a) Device Driver -  जब भी किसी डिवाइस को कंप्यूटर से कनेक्ट किया  जाता है  तो पहले इसके लिए डिवाइस ड्राइवर इंस्टॉल करना जरूरी होता है जैसे कीबोर्ड ,माउस। डिवाइस ड्राइवर कंप्यूटर डिवाइस और कंप्यूटर के बाहर लगने वाले उपकरणों को कंप्यूटर से communicate करने के योग्य बनाता है । इसकी मदद से सभी डिवाइस और एक्सटर्नल डिवाइस  ढंग से काम कर सकते है ।
 
(b) Firmware -  यह हार्डवेयर  डिवाइस  के  द्वारा  किए जाने  वाले कार्यों को नियंत्रित करता है । 
 यह मदरबोर्ड में लगी चिप ROM में स्टोर रहता  है । इसमें सारी इंस्ट्रक्शन मदरबोर्ड बनाने वाली कंपनी के द्वारा दिए गए होते है । जिससे हम  आसानी से छेड़छाड़ नहीं कर सकते परंतु कम्पनी के द्वारा नए अपडेट्स आने पर इसकी फाइल को डाउनलोड करके इसके नए version को update कर सकते हैं। 
जब भी कोई कंप्यूटर में समस्या आती है   error code या beep sound को उत्पन करके उपयोगकर्ता को बताना इसी का काम होता है ।  


(c) Utility software - यह सॉफ्टवेयर यूजर और एप्लीकेशन के बीच काम करता है।  यूटिलिटी सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर को सुरक्षा प्रदान करता है। यह कंप्यूटर को maintain , analysis, और optimize करने का काम करते हैं। जैसे सिक्योरिटी, बैकअप, नेटवर्क, प्रोग्रामिंग , एंटीवायरस etc,।
 
  (d) Language translator -  यह हाई लेवल की लेंग्वेज कोड को मशीनी लेंग्वेज में बदलने का काम करते है क्योंकि कंप्यूटर केवल मशीनी लेंग्वेज ही समझता है । जैसे- java script ,PHP ,java आदि। translatorतीन प्रकार के होते है जो कंप्यूटर मैन्युफैक्चर द्वारा डिजाइन किए  जाते है । - 
Compilers , Assembler , इंटरप्रेटर्स ( Interpreterse )

  (f) Operating System - यह कंप्यूटर में सभी हार्डवेयर डिवाइस और सॉफ्टवेयर को  सुचारू रूप से संचालित करने का काम करता है  । यह यूजर और कम्प्यूटर के बीच में इंटरफेस करने का काम करता है जब हम कंप्यूटर को on करते हैं तो सबसे पहले ऑपरेटिंग सिस्टम लॉर्ड  होता है ।कंप्यूटर पर चलने वाले सभी प्रोग्राम्स  को ऑपरेटिंग सिस्टम ही मैनेज करता  है। उदाहरण - Android , विंडोज , लिनक्स , मैक, IOS । 
ऑपरेटिंग सिस्टम हार्डवेयर , एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को नियंत्रित करता है। 



 (2) Application software -
  हम सभी कई सारे एप्लीकेशन का इस्तेमाल करते है जैसे स्मार्टफोन , लेपटॉप, कंप्यूटर । मुख्य रूप से इसका प्रयोग उन कंप्यूटर के लिए किया जाता जो specific काम करने के लिए बनाए गए है । यह सिस्टम सॉफ्टवेयर के बैकग्राउंड का काम करता है । कंप्यूटर पर जो काम हम कर रहे होते है वो हमे स्क्रीन पर दिखाई देता है यही एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर होता है। जो हमे चलत हुए दिखाई देता है।  उदाहरण के लिए जैसे - वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर , डेटाबेस प्रोग्राम , बिजनेस सॉफ्टवेयर , एजुकेशन सॉफ्टवेयर कम्युनिकेशन सॉफ्टवेयर ,इंटरनेट ब्राउजर etc.। 
 एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का उपयोग अंत में किया जाता है इसलिए इसे एंड - यूजर - प्रोग्राम भी कहते हैं। एप्लिकेशन एक ऐप को भी कहा जा सकता है। जिसके ऊपर हम काम कर रहे होते हैं वो एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर ही  होता है। एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर को दो भागों में बांटा गया है - 
   (A ) General purpose software - General purpose का मतलब सामान्य या साधारण उद्देश केे लिए तैयार किया गया 
सॉफ्टवेयर । इस सोफ्टवेयर का उपयोग आवश्यकता अनुसार किसी सामान्य काम को पूरा करने के लिए किया जाता है । या बहुत सस्ता होता हैं लेकिन इसका एक दोष भी है क्योंकि यह यूजर की  सभी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकता। 
उदाहरण - वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर ,ms word, Notepad । 
 
 (B) Specific purpose software स्पेसिफिक सोफ्टवेयर ऐसे प्रोग्राम्स का समूह है जो किसी विशेष कार्य को करने के लिए तैयार किया गया है । उदाहरण - अकाउंटिंग पैकेज, होटल मैनेजमेंट सिस्टम, लाइब्रेरी सिस्टम etc। 

 Application software  के प्रकार - 
 (A) word processing software -   इस सॉफ्टवेयर का उपयोग letters टाइप करना, वर्ड शीट , पेपर्स create करने के लिए किया जाता है । उदाहरण = ms word, apple works ।

 (B) मल्टीमीडिया सोफ्टवेयर- इसका प्रयोग वीडियो, रिकॉर्डिंग  , ऑडियो रिकॉर्डिंग  और गाना सुनाना ,समाचार पत्रों  खबरें देना etc में किया जाता है । 
 
(C) स्प्रेडशीट सॉफ्टवेयर - इसका प्रयोग कंप्यूटर में संख्यात्मक डाटा की प्रॉब्लम को compute करने के लिए किया जाता है । जैसे proscasting , budgeting etc , ms Excel ,Quattro pro, ms work etc। 
 
(D) डेटाबेस सॉफ्टवेयर -इसका प्रयोग कंप्यूटर में डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है। जैसे टेक्स्ट इनफॉर्मेशन और नंबरिंग इनफॉर्मेशन रखने के लिए इस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए ms access ,file make pro । 
 
(F) कम्युनिकेशन साफ्टवेयर - यह सॉफ्टवेयर connector कंप्यूटर को एक दूसरे से ऑडियो ,वीडियो या chat- based-medium का उपयोग करने की अनुमति देता है। जैसे ICQ, ms net meeting । 
 
(G) प्रेजेंटेशन साफ्टवेयर - यह डाटा को ग्राफ या किसी चित्र द्वारा दिखाता है । यह कंप्यूटर में डाटा को ग्राफ के जरिए आसानी से प्रस्तुत करने में मदद करता है । जिससे समझने में आसानी होती है ।और स्क्रीन को बनाने के लिए । जैसे ms PowerPoint , हाइपर ,स्टूडियो ,फ्लैश , सुपर कार्ड etc। 

 (H) इंटरनेट ब्राउजर -इसके उपयोग से उपयोगकर्ता ईमेल पढ़ सकते हैं और वेब पेजेस को क्रिएट कर सकते है । जैसे ms इंटरनेट एक्सप्लोरर । 

 (J) MS officer - इसका प्रयोग केवल ऑफिशियल काम करने के लिए ही किया जाता है । 
  अंत: इस प्रकार हर काम को करने के लिए अलग - अलग सॉफ्टवेयरस का उपयोग किया जाता है। एक सॉफ्टवेयर केवल एक ही टास्क को पूरा कर सकता है जिसके लिए उसे तैयार किया गया है।

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